-महावीर सांगलीकर
मैं कहता हूं, "मैं जैन हूं".
फिर वह पूछता है, "मेरा मतलब है, आप दिगंबर हो या श्वेतांबर?"
मैं तपाक से बोलता हूं, "क्या मैं तुम्हें दिगंबर लगता हूं? क्या मैं तुम्हे श्वेतांबर लगता हूं? मैंने कपडे पहने है, इसका मतलब मैं दिगंबर नहीं हूं, और मेरे कपडे सफ़ेद रंग के नहीं है यानि मैं श्वेतांबर भी नहीं हूं"
मेरा ऐसा टेढा जवाब सुनकर उसका मूंह इतनासा हो जाता है.
पता नहीं, कब सुधरेंगे ये लोग.